मेहनत की कमाई | Mehnat Ki Kamai Hindi Kahani | Hard Earned Money Story in Hindi

मेहनत की कमाई हिंदी कहानी

Mehnat ki kamai

एक गाँव में एक अमीर आदमी रहता था। उस आदमी का नाम मनीराम था। मनी राम के एक बेटा था। उसका नाम मोनू था। पर मोनू बहुत ही आलसी था। उसके पापा उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। 

एक दिन उन्होने अपने बेटे को अपने पास बुलाया और बोले जा बेटा एक रुपया कमा के लेकर आ नहीं तो तुझे घर में घुसने नहीं दूंगा। अपने पिताजी की बात सुनकर मोनू भयभीत हो गया। और वो अपनी माँ के पास गया और बोला माँ मुझे एक रुपए दो ना नहीं तो आज पिताजी मुझे घर में घुसने नहीं देंगे उसकी बाते सुनकर माँ की ममता जाग उठी और उसने एक रुपए निकाल कर उसे दे दिए।

पैसे लेकर वो अपने पापा के पास पहुँचा और बोला ये लो पापा मैं एक रुपए कमा कर ले आया उसे देखकर वे समझ गए की जरूर पैसे वो अपनी माँ से लेकर आया होगा।

इसलिए उन्होने उसे कहा की जा बेटा ये पैसे ले और बगीचे में बने कुएँ में फेंक दे वो सचमुच गया और पैसे को कुएं में फेंक आया । अगले दिन मोनू को सबक सिखाने के लिए उसके पिताजी ने उसकी माँ को उनके मायके भेज दिया। और फिर अपने पास बुला कर बोले जाओ एक रुपए कमा कर ले के आओ।

 इस बार मोनू घबरा गया उसे समझ नहीं आ रहा था। की अब वो क्या करें इसलिए उसने इस बार अपनी बहन से पैसे मांगने की सोची, और वो जानता था की उसकी बहन उसे मना नहीं कर पाएगी। इसलिए वो पैसे मांगने के लिए बहन के पास पहुंचा। और उसने पैसे मांगे और उसकी बहन ने भी उसे बडी आसानी से उसे पैसे दे दिए। और उन पैसे को लेकर वह अपने पापा के पास पहुँचा और बोला ये लो पापा मैं ले आया इस बार भी पिताजी समझ गए की मोनू फिर से किसी से पैसे लेकर आया है।

इसलिए उन्होने उन पैसे को भी कुएं में फेंक आने को कहा इस बार भी वो उन पैसे को कुएं में फके आया । शाम को पिताजी को पता चला की इस बार उसने पैसे अपनी बहन से लिए थे। और उसे भी गाँव भेज दिया और फिर अगले दिन मोनू को बुलाकर फिर पैसे कमा कर लाने को कहा इस बार उसे समझ नहीं आया की वो इस बार पैसे किससे मांगे इसलिए वो रोता रोता बाजार में काम तलाशने के लिए चला गया।

उसे रोता हुआ देखकर एक आदमी ने पूछा ए लडके रो क्यों रहा उसने बोला की पिताजी ने मुझे एक रुपए कमा कर लाने को कहा है नहीं तो वो मुझे घर में घुसने नहीं देंगे । उस आदमी ने कहा कि फिक्र मत करो मैं तुम्हें एक रुपए दूंगा पर बदले मेरे ये सारे बोरे तुम्हें इस वाहन से उतारने होगे ठीक है मैं करूँगा मोनू सारे बोरों को वाहन से उतारा और आदमी से पैसे लेकर अपने घर पहुँचा और बोला ये लो पापा मैं एक रुपए कमा कर ले आया। 

फिर उसके पापा ने कहा कि जा इसे भी कुएं में फेंक आ इस बार मोनू गुस्से में बोला सुबह से शाम तक मैंने बोरे उतारे तब जा कर मुझे ये पैसे मिले है। और आप मुझे इसे फेंकने को कह रहे है, बेटा मैं तुझे यही समझाना चाहता था, पर तुम तो की समझ ही नहीं रहे थे। इसलिए मुझे ये सब करना पड़ा इतना कहते हुए उन्होने मोनू को गले से लगा लिया।


Moral;. हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा अपनी मेहनत के कमाई खाना चाहिए ना कि और की कमाई को नहीं खाना चाहिए।

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